सकट चौथ

24 January, 2019
सकट चौथ

सकट चौथ का व्रत हिन्दु कैलेण्डर के माघ महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। सकट चौथ को संकटा चौथ, संकष्टी चतुर्थी, माघी चौथ, तिलकुटा चौथ या वक्रतुंडी चतुर्थी भी कहा जाता है। हिन्दु पंचांग के अनुसार एक महीने में 2 बार चतुर्थी तिथि आती है। इनमें अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। वहीं पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी होती है। दोनों तरह की चतुर्थी पर गणेशजी की पूजा की जाती है।

  • सकट चौथ का महत्व

सकट चौथ पूरे साल में पड़ने वाली 4 बड़ी चतुर्थी तिथियों में से एक है। सकट चौथ पर सुहागन स्त्रियां सुबह-शाम गणेशजी की पूजा करती है और रात में चंद्रमा के दर्शन और पूजा करने के बाद पति का आशीर्वाद लेती हैं। इसके बाद व्रत खोला जाता है। इस तरह व्रत करने से दाम्पत्य जीवन में कभी संकट नहीं आता। पति की उम्र बढ़ती है और शादीशुदा जीवन में प्रेम के साथ सुख भी बना रहता है। इस व्रत को करने से पति के सारे संकट भी दूर हो जाते हैं।

  • सकट चौथ की कथा

सतयुग में राजा हरिश्चंद्र के राज्य में एक कुम्हार था। एक बार तमाम कोशिशों के बावजूद जब उसके बर्तन कच्चे रह जा रहे थे तो उसने यह बात एक पुजारी को बताई। उस पर पुजारी ने बताया कि किसी छोटे बच्चे की बलि से ही यह समस्या दूर हो जाएगी। इसके बाद उस कुम्हार ने एक बच्चे को पकड़कर भट्टी में डाल दिया। वह सकट चौथ का दिन था। काफी खोजने के बाद भी जब उसकी मां को उसका बेटा नहीं मिला तो उसने गणेश जी के समक्ष सच्चे मन से प्रार्थना की। उधर जब कुम्हार ने सुबह उठकर देखा तो भट्टी में उसके बर्तन तो पक गए लेकिन बच्चा भी सुरक्षित था।
इस घटना के बाद कुम्हार डर गया और राजा के समक्ष पहुंच पूरी कहानी बताई। इसके पश्चात राजा ने बच्चे और उसकी मां को बुलवाया तो मां ने संकटों को दूर करने वाले सकट चौथ की महिमा का वर्णन किया। तभी से महिलाएं अपनी संतान और परिवार के सौभाग्य और लंबी आयु के लिए व्रत को करने लगीं।

 
 

सकट चौथ आज, दिनभर क्या करें और क्या नहीं, किन बातों का रखना होगा ध्यान

 

सकट चौथ का व्रत आज किया जा रहा है। संकष्टी चतुर्थी के इस व्रत पर कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। वरना छोटी सी गलती से व्रत और पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है। कई लोग व्रत करते हुए अनजाने में कुछ गलतियां कर देते हैं जो होती तो छोटी हैं लेकिन उनसे व्रत का पुण्य और फल नहीं मिल पाता है। ऐसी ही गलतियों से बचने के लिए ग्रंथों में व्रत के नियम बताए गए हैं। जिनका ध्यान दिनभर रखा जाना चाहिए।

  • सकट चौथ पर क्या करें

1. सुबह जल्दी उठकर नहाएं और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद एक साफ आसन पर बैठकर भगवान श्रीगणेश की पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान गणेश को धूप व दीप दिखाएं।

2. गणेशजी की पूजा के समय सीधे हाथ में जल लेकर दिनभर व्रत रखने का संकल्प लें।

3. फिर गणेश मंदिर जाकर दर्शन करें।

4. गणेशजी को दुर्वा, फूल और लड्डू चढ़ाएं। तिल के लड्डुओं का भोग लगाएं।

5. दिनभर अन्न नहीं खाएं और फलाहार ही करें।

6. तिल, गुड़ या अन्य तरह की मिठाई का दान करें। गणेश मंदिर के पुजारी को भोजन करवाएं। 

  • सकट चौथ पर क्या न करें, क्या सावधानियां रखें 

1. सूर्योदय के बाद तक न सोए रहें।

2. बिना नहाए कुछ न खाएं।

3. झूठ न बोलें।

4. दिन में न सोएं।

5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

6. लड़ाई-झगड़ा न करें, तामसिक भोजन से दूर रहें।

7. किसी भी तरह का नशा न करें।

 

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